“शायरी” उर्दू और हिंदी भाषाओँ में लिखी जाने वाली हिंदुस्तानी उपमहाद्वीप के अदब का एक प्रचलित प्रारूप है जिसे सुखन या शेर ओ शायरी के नाम से भी जाना जाता है, शायरी कई भाषाओँ के शब्दों को मिला कर लिखा जाता है, जिसमे हिंदी, संस्कृत, तुर्की, अरबी और फ़ारसी मुख्य हैं, हिंदुस्तान और पाकिस्तान में बहुत बड़े बड़े उर्दू शायर पैदा हुए हैं जिसमे कुछ मशहुर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब, मीर तक़ी मीर, फैज़ अहमद फैज़, अल्लामा इक़बाल और जॉन एलिया हैं, वैसे तो शायरों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है, उन्ही शायरों की अच्छी शायरी से आपको तार्रुफ़ कराने के लिए इश्क़ अदब आपके लिए “तस्वीरों में शायरी” लाया है|
Na Samjhoge to Mitt jaoge aye Hindostaan Walo: Allama Iqbal ki Famous Shayri

Na Samjho-ge to MiTT jao-ge aye HindostAAn Walo
Tumhari DAAstan tAk bhi na Hogi DAAstano-n mei-n
-ALLAMA IQBAL
ना समझो-गे तो मिट जाओ-गे ऐ हिन्दोस्तां वालों
तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्ता-नों में
-अल्लामा इक़बाल
نہ سمجھو گے تو مٹ جاؤ گے اے ہندوستاں والو
تمہاری داستاں تک بھی نہ ہوگی داستانوں میں
علامہ اقبال–