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यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता: निदा फ़ाज़ली की मशहूर शायरी

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Yahan Kisi ko Koi Raasta Nahi Deta: Nida Fazli ki Famous Shayri


“शायरी” उर्दू और हिंदी भाषाओँ में लिखी जाने वाली हिंदुस्तानी उपमहाद्वीप के अदब का एक प्रचलित प्रारूप है जिसे सुखन या शेर ओ शायरी के नाम से भी जाना जाता है, शायरी कई भाषाओँ के शब्दों को मिला कर लिखा जाता है, जिसमे हिंदी, संस्कृत, तुर्की, अरबी और फ़ारसी मुख्य हैं, हिंदुस्तान और पाकिस्तान में बहुत बड़े बड़े उर्दू शायर पैदा हुए हैं जिसमे कुछ मशहुर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब, मीर तक़ी मीर, फैज़ अहमद फैज़, अल्लामा इक़बाल और जॉन एलिया हैं, वैसे तो शायरों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है, उन्ही शायरों की अच्छी शायरी से आपको तार्रुफ़ कराने के लिए इश्क़ अदब आपके लिए “तस्वीरों में शायरी” लाया हैI


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YahAAn Kisi ko Koi RAA-sta Nahi Deta
Mujhe Gi-ra ke Agar Tum Sambhal Sako to Chalo

NIDA FAZLI

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो

-निदा फ़ाज़ली

یہاں کسی کو کوئی راستہ نہیں دیتا
مجھے گرا کے اگر تم سنبھل سکو تو چلو

ندا فاضلی


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